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Saturday 28 January 2017

सिटी फारेस्ट-ग़ाज़ियाबाद - City Forest-Ghaziabad

04 दिसम्बर 2016 (दिन- रविवार) 


आज के दिन, घूमने का ना कोई मन था ना कोई पहले से बनाई हुई योजना। मैंने एक हेल्थ इन्सोरेन्स कराया था। जिसके लिए मुझे सुबह पत्नी और बेटे के साथ मेडिकल टेस्ट कराने को जाना था। जिसकी मैंने डॉक्टर से पहले ही अपॉइंटमेंट ले रखी थी। उम्मीद थी कि कम से कम 3 घंटे तो ख़राब हो ही जायेगे और घर से इंदिरापुरम जाना और आना, यह समय अलग से लगेगा। यानी आधा दिन आज इसी काम की भेंट चढ़ने वाला था। इसलिए ही मैंने कहीँ और जाने के बारे में सोचा भी नहीं।

सुबह 8 बजे ही घर से इंद्रापुरम के लिए निकल गए। पहला नंबर होने की वजह से ज्यादा समय नहीं लगा। 11 बजे हम वहाँ से निकल गए। जैसे ही मैं आगे बढ़ा तो मन कही घूमने को कहने लगा। चिड़ियाघर, दिल्ली...... नहीं नहीं, वहाँ नहीं कही ओर चलते है... ऐसा

Thursday 19 January 2017

यात्रा चम्बा और ऋषिकेश की


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10 अक्टूबर 2016 

धनोल्टी से चम्बा लगभग 30 किलोमीटर दूर है। और अभी 1 घंटे का सफर ओर बाकी था। पहाड़ो पर सिर्फ 25-30 तक की रफ़्तार से ही आप वाहन चला सकते है। क्योकि थोड़ी-थोड़ी दूरी पर घुमावदार मोड़ आते रहते है जो वाहन की रफ़्तार पर ब्रेक लगाने को मजबूर कर देते है। और मोड़ पर मुड़ने पर जैसे ही दोबारा रेस देते है, इतने में अगला मोड़ आ जाता है। इसलिए यहाँ पर किसी भी वाहन की औसत स्पीड 25-30 किलोमीटर प्रति घंटा ही रहती है। इस बीच भी हमने कई जगह बाइक रोकी। अभी सूरज ढलने में कुछ समय था लेकिन तापमान में थोड़ी गिरावट जरूर महसूस हो रही थी। और हवा दिन के मुकाबले ठण्डी होने लगी। इस बार हमने ज्यादा देर नहीं की और समय से ही चम्बा पहुँच गए।

Monday 2 January 2017

बाइक से मसूरी और धनोल्टी की यात्रा

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अगले दिन सभी 6 बजे उठ गए। बाहर बालकनी में मौसम का जायजा लेने गया तो अक्टूबर के हिसाब से ठण्ड अच्छी खासी मिली और कोहरा भी। तैयार होकर 8 बजे हम यहाँ से निकल गए। सबसे पहले हम उसी रेस्टॉरेन्ट में नाश्ते के लिए गए, जहाँ हमने कल रात खाना खाया था। छोले भटूरो ने हमारे नाश्ते की शान बढाई। उसके बाद हमने चाय पी। अब हम हर तरह से घूमने को तैयार थे। मसूरी उत्तराखंड के देहरादून जिले में पड़ता है। यहाँ के लोगो से मिली जानकारी के अनुसार, यहाँ प्रचुर मात्रा में  पाए जाने वाले मंसूर नाम के पौधे के कारण इसका नाम मसूरी पड़ गया है। मसूरी गढ़वाल हिमालय के शिवालिक श्रेणी में स्थित है। यह बहुत ही लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। और दिल्ली के सबसे नजदीक पर्यटन स्थलों में से एक है। जिसके कारण काफी संख्या में लोग यहाँ घूमने के लिए आते है। लेकिन ज्यादा संख्या में पर्यटको के आने से यह शहर जाम,पानी और गंदगी जैसे मुख्य परेशानी से झूझता हुआ प्रतीत होता है। शर्दियो की अपेक्षा यहाँ गर्मियो में अधिक पर्यटक आते है।