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दिनांक- 12 मार्च 2017, दिन- रविवार
दिनांक- 12 मार्च 2017, दिन- रविवार
एक नई सुबह का हम बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। जो कमी कल रह गयी उन सबको नई सुबह के साथ जो पूरा करना है। रोज की तरह समय से आँख खुल गयी। गीजर चलाया पर आधे घंटे में भी पानी गर्म नहीं हुआ तो होटल के मैनेजर को बोला। उसने गीजर ठीक कराया तब जाके नाहने को गर्म पानी नसीब हुआ। घर में सर्दी के मौसम में चाहे मैं रोज ना नाहता हूँ.... पर यहाँ ठेठ सर्दी में जरूर रोज नहा रहा था। ये बात शायद भगवान को भी रास नहीं आयी... तभी मौसम खुलने का नाम नहीं ले रहा। मैनेजर को कमरे के पैसे दे दिए। वही एक परिवार मिला जो आज ही शिमला आया है। वे कालका-शिमला टॉय ट्रेन से आये थे। उन्होंने बताया कि आज ट्रेन अपने सही समय पर कालका से चली है। तभी तो वो लोग 10 बजे के आसपास शिमला पहुँच गए। सबकी किस्मत हमारी जैसी थोड़ा होती है जो 10 बजे