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14 मई 2017, दिन- रविवार
14 मई 2017, दिन- रविवार
गंगा स्नान कर नाश्ते की तलाश में कुछ जगह छानी पर सुबह 7 का समय होने की वजह से कही कुछ नहीं मिला। अब ऐसे ही आगे की पैदल यात्रा शुरू कर दी। थोड़ा आगे आने पर एक चाय की दुकान खुली मिली। चाय और बिस्कुट का नाश्ता कर मैं आगे बढ़ गया। समय 7:30 का था। मैं योजना बनाये हुए था कि करीब 4 बजे तक मुझे दर्शन कर वापस नीचे लौटकर आना है। तभी मैं आज समय पर घर पहुँच सकता हूँ अन्यथा नहीं। पर दूसरी तरफ मुझे ये अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल लग रहा था कि मैं इतनी जल्दी इस सफर को पूरा कर पाऊंगा या नहीं। मैं श्री नीलकंठ को पहले भी आया हूँ। उस समय नीलकंठ के दर्शन के साथ-साथ, पार्वती मंदिर, झिलमिल गुफा और गणेश गुफा तक भी दोस्तों संग गया था और उसी दिन वापिस ऋषिकेश भी पहुँच गया था। पर अब बात दूसरी है। इन बातों को लगभग 10 साल हो गए। उस समय शारारिक क्षमता और थी तथा अब कुछ और है। इतना समय बीत गया इसलिए खुद पर यकीन कर पाना मुश्किल था पर नामुमकिन नहीं।